पृष्ठभूमि –
                    90 के दशक में बिखरे पड़े समाज में सामाजिक भावना संचारित करने हेतु कुछ चिंतनशील प्रबुद्धजनों के साथ ऊर्जावन साथियों को एक मंच में लाकर सामाजिक गतिविधियाँ प्रारंभ करने के लिये चेतना मंच की परिकल्पना हुई और 18 अपै्रल 1993 को छत्तीसगढ़ कूर्मि-क्षत्रिय चेतना मंच अस्तित्व में आया। भावना यही थी कि एक विश्वसनीय एवं प्रभावी साझा मंच के द्वारा भारत देश में निवासरत कूर्मियों के समग्र विकास एवं सामाजिक चेतना का संचार किया जा सकं।

            अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही कल्पित छत्तीसगढ़ प्रदेश को प्राथमिकता के तौर पर कार्य क्षेत्र बनाते हुये मुख्यालय बिलासपुर में रखकर कार्य प्रारंभ किया गया।  छत्तीसगढ स्तर में एक विश्वसनीय एवं प्रभावी साझा मंच के द्वारा छत्तीसगढ में निवासरत कूर्मियों में समग्र विकास एवं सामाजिक चेतना का संचार करने  तथा सामाजिक एकीकरण की दिशा में मंच के गठन के बाद प्रथम ठोस महासम्मेलन 26 सितम्बर 1993 को ई. राघवेन्द्र राव सभा भवन, बिलासपुर (तात्कालिन मध्यप्रदेश राज्य) में हुआ। पूज्य स्वामी वेदानंदजी के सानिध्य में प्रदेश के नामचीन व्यक्यिों के साथ ही समाज के राष्ट्रीय छविधारी महानुभाव एवं 24 फिरका प्रमुखों के अलावा प्रदेश के सुदूर अंचल से उपस्थित समाज के लोगों के मध्य समाज एकीकरण के लिए प्रस्ताव पारित किये गए तथा इस अवसर पर ’’ऐकं पराक्रमं’’ स्मारिका का प्रकाशन किया गया। 

चेतना मंच का पंजीयन-

                 छत्तीसगढ़ कूर्मि-क्षत्रिय चेतना का कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ रखते हुए पंजीयक फम्र्स एवं सोसाइटी रायपुर से पंजीयन कराया गया; जिसका पंजीयन क्र. 37/छ.ग. राज्य/ दिनांक 6/10/2001 है। यह संस्था कूर्मि समाज का प्रथम राज्य स्तरीय पंजीकृत संस्था है। 

चेतना मंच की थीम आधारित स्थायी कार्य-

 

  •  आगे बढें,समाज गढें- समाज के जन-जन में चेतना जागृत करना।
  •  अहम तोड़ो, फिरका जोड़ोंछ.ग. में निवासरत सभी उपजाति एवं अन्य प्रदेश से आए कूर्मियों को एक जुट करना। 
  •  पढना है, बढना हैबालिकाओं की शिक्षा पर समानता के साथ शिक्षित समाज का निर्माण करना। 
  •  महिला जगे, समाज बढ़ेमहिलाओं के उत्थान हेतु उनकी शक्ति का कुटीर उद्योग व आय मूलक कार्य पर उपयोग।
  •  कृषि उपज बढ़ाना, उन्नत कृषक कहानावैज्ञानिक पद्यति से उन्नत कृषि को बढ़ावा देना। 
  •  खर्चीली विवाह, परिवार तबाहसामूहिक विवाह को प्रोत्साहित एवं खर्चीली शादी को निरुत्साहित करना।  
  •  वैचारिक शोध राष्ट्रीय बोध नैतिक आध्यात्मिक एवं राष्ट्रीय चेतना को विकसित करने की कटिबद्धता। 
  •  कोष संकलन, स्वावलंबन सामाजिक आर्थिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक विकास के लिए केन्द्रीय कल्याण कोष की स्थापना।
  •  पारदर्शी काम, श्रेष्ठतम परिणाम सद्भावना, सहभागिता, पारदर्शिता एवं मूल्य आधारित कार्यों के द्वारा संगठन का संचालन।
  •  हम सब, एक हैं संगठित प्रयास द्वारा प्रजातांत्रिक अधिकारों की प्राप्ति एवं राजनीतिक चेतना का विकास।
   
चेतना मंच की प्रमुख गतिविधियाँ उपलब्धियाँ-
  •  संगठनात्मक विकास व सुदृणीकरण- बिलासपुर संभाग में निवासरत 24 उपजातियों के एकीकरण की चुनौतीपूर्ण कार्य को करने हेतु प्रदेश समिति के अतिरिक्त बिलासपुर संभाग एवं जिला समिति का गठन। चेतना मंच में बिलासपुर संभाग को सुढ़ण करने के साथ-साथ रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, भिलाई, महासमुंद, कवर्धा, धमतरी, जगदलपुर, जांजगीर, कोरबा, कोरिया, सरगुजा, रायगढ़, सुरजपुर, बलरामपुर, मुंगेली जैसे कूर्मि बाहुल्य जिले में बैठक एवं गोष्ठी के माध्यम से सामाजिक एकीकरण की दिशा में जो प्रयास किए गए तथा उसके सार्थक परिणाम परिलक्षित हुए।
  •  सरदार पटेल जयंती एवं प्रतिभा सम्मान – संगठन के स्थापना काल से बिलासपुर संभाग में जिला, ब्लाक, पंचायत स्तर पर प्रति वर्ष मासिक/पाक्षिक भर का निरंतर आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में मासिक/पाक्षिक के अंत में वृहद आयोजन बिलासपुर मुख्यालय में सम्पन्न किया जाता है। इसमें प्रभावी रैली, फिरका प्रमुख, मुर्धन्य व्यक्यिों की उपस्थिति में प्रतिभावान विद्यार्थियों, विभिन्न विधा के विभूतियों का सम्मान किया जाता है।
  •  निर्धन प्रतिभावान विद्यार्थियों को आर्थिक सहयोग- समाज के उदार दानदाताओं के सहयोग से लगातार यह कार्य जारी है। समाज के निर्धन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को व्यावसायिक पाठ्यक्रम के अध्ययन हेतु डॉ. प्रदीप सिंगरौल एवं जगदीश कौशिक परिवार द्वारा लगातार पांच वर्षों तक आर्थिक सहयोग प्रदान किया गया। इसके अलावा समय-समय पर प्रबुद्ध समाज सेवियों द्वारा सहयोग प्रदान किया जाता है ।
  •  सामूहिक विवाह- चेतना मंच द्वारा सभी उपजातियों को शामिल करते हुये 26 मई 2002 को दहेज मुक्त सामूहिक विवाह का प्रथम आयोजन किया गया; जिसमें अलग-अलग फिरकों के 11 जोड़े प्रणय सूत्र में आबद्ध हुए। इस आयोजन को प्रदेश में सर्व कूर्मि का प्रथम सामूहिक विवाह होने का गौरव प्राप्त है। इस सामुहिक विवाह में छ.ग. प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रथम माननीय अजीत जोगी, गृहमंत्री माननीय नंदकुमार पटेल एवं तात्कालीन राजस्व मंत्री माननीय भूपेश बघेल का इस आयोजन में सम्बल प्राप्त हुआ। इसके बाद 4 मई 2003 को 9 जोड़ों का सामूहिक विवाह सम्पन्न कराया गया। तत्पश्चात् 3 अप्रैल 2009 को इंजी. सुरेश कौशिक एवं डॉ. वीणा वर्मा का आदर्श विवाह सम्पन्न कराया गया।
  •  युवक-युवती एवं परिवार परिचय सम्मेलन- चेतना मंच द्वारा 2001 से ’’स्मारिका चेतना’’ का प्रकाशन एवं युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन 2008 तक बिलासपुर में किया जाता रहा है। 21 दिसम्बर 2008 को चेतना मंच एवं युवा कूर्मि मित्र मण्डल, भिलाई नगर के संयक्त तत्वावधान में ’’कूर्मि संझा’’ का आयोजन बिलासपुर में किया गया। तत्पश्चात 2008 से युवा कूर्मि मित्र मंडल भिलाई के द्वारा स्मारिका एवं परिचय सम्मेलन को ग्राह्य कर विस्तार दिया गया।
  •  सामाजिक सर्वेक्षण- प्रदेश में निवासरत विभिन्न उपजातियों के सहयोग से जनसंख्या का आंकलन करना, आवश्यक हुआ । तत्संबंध में घर-घर दस्तक के माध्यम से अपनापन का भाव पैदा करने हेतु विशेष कर अविभाजित बिलासपुर संभाग में निवासरत स्वजातीय लोंगों का सर्वेक्षण भी कराया गया।
  •  फिरका जोड़ों अभियान- फिरका प्रमुखों के साथ बैठक, गोष्ठी एवं अनेक आयोजनों के द्वारा सामाजिक एकीकरण का कार्य लगातार जारी है। काफी लंबे प्रयास के बाद सभी फिरका प्रमुखों को एक मंच में लाकर 6 नवम्बर 2005 को उन्हें सम्मानित किया गया। फिरकों के अस्तित्व को मिटाए बिना कूर्मि-महाशक्ति का स्वरुप विकसित करना ध्येय रहा।
  •  कला संस्कृति संवर्धन- वाद-विवाद, निबंध लेखन, संस्कृति ज्ञान, सामान्य ज्ञान, गायन नृत्य आदि का आयोजन युवा प्रकोष्ठ के माध्यम से संपादित किये जाते हैं। वहीं हरेली मिलन, तीजा, पोला मिलन, छेर-छेरा मिलन आदि कार्य महिला प्रकोष्ठ के माध्यम से करते हुये इन त्यौहारों को जीवंत रखने का प्रयास किया जा रहा है। चेतना मंच के लिखित अनुरोध पर हरेली त्यौहार को 2001 में माननीय मुख्यमंत्री अजित जोगी के निर्देश पर स्वेच्छिक अवकाश घोषित किया गया था। सन् 2018 में ’’हरेली झमाझम’’ के नाम से स्थानीय संस्कृति को बढावा देने के लिए संस्कृतिक कार्यक्रम प्रारंभ किया गया, जिसे भूपेश बघेल सरकार ने सामान्य अवकाश की सूची में शामिल स्थायी अवकाश प्रदान किया गया ।
  •  स्वजातीय जनप्रप्रतिनिधियों का सम्मान- सामाजिक एकता से राजनीतिक चेतना का बोध समाज में जगाने हेतु प्रत्येक निर्वाचन पश्चात् नवनिर्वाचित जन प्रतिनिधियों का सम्मान समारोह किया जाता है।
  •  स्वजातीय प्रेरणा दायक व्यक्त्वि सम्मान-समाज के मूर्धन्य, दानशील तथा अपने विशिष्टतम कार्य से प्रेरणा देने वाले विभूतियों का सम्मान व स्मरण कर अन्यों को उस दिशा में प्रेरित करने के उददेश्य से कार्यक्रम का आयोजन करना।
  •  कूर्मि कृषक सम्मान- वैज्ञानिक व तकनीकि कृषि को बढ़ावा देने हेतु समाज द्वारा प्रतिवर्ष पटेल जयंती के अवसर पर कूर्मि कृषि सम्मान दिया जाता है। कूर्मि कृषि रत्न (सर्वश्रेष्ठ किसान धान-गेहूं-चना-सोयाबीन तिलहन हेतु) कूर्मि कृषि भूषण सर्वश्रेष्ठ किसान (फल एवं साग-सब्जी) कूर्मि कृषि श्री सर्वश्रेष्ठ (महिला किसान हेतु आरक्षित ) प्रथम 2011 में चेतना मंच द्वारा कूर्मि कृषि रत्न का सम्मान श्री बलीराम सिंगरौल, कूर्मि कृषि भूषण का सम्मान श्री ईश्वर बघेल को दिया गया।
  •  प्रशिक्षण – पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के क्षमता विकास हेतु कार्यशाला एवं प्रशिक्षण का आयोजन कई अवसरों पर किया जाता है। इसके साथ ही कृषि, लघु व्यवसाय, कुटीर उद्योगों की जानकारी एवं कौशल विकास हेतु भी प्रशिक्षण आयोजित किये जाते हैं। मंच द्वारा अब तक आयोजित किये गये क्षमता विकास प्रशिक्षण का विवरण है -06 फरवरी 2006 डॉ. कौशिक क्लिनीक बिलासपुर, 11 फरवरी 2012 होटल सेन्ट्रल पाईंट बिलासपुर, 14 अगस्त 2014 आयुर्वेदिक अस्पताल बिलासपुर, 13 जून 2014 रतनपुर बिलासपुर, 22 जुलाई 2018 को संजीवनी अस्पताल बिलासपुर तथा 17 मार्च 2019 को होटल महिन्द्रा रायपुर में समाज व संगठन प्रमुखों का उन्मुखीकरण प्रशिक्षण आायोजित किया गया ।
  •  कूर्मि चेतना पंचांग प्रकाशन- समाज के नवीन पीढ़ियों में कूर्मि समाज के इतिहास, संस्कृति एवं महापुरुषों के जीवनी से भरा एक ऐसा कलेवर जो 365 दिन समाज के लोगों के लिए रेडी रेफरेंस के रूप में तैयार किया गया है। इस पंचाग न केवल तिथियों की जानकारी समाहित किया गया है, बल्कि समाज के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की जानकारी के साथ-साथ व्यावहार परिवर्तन व संस्कृति के आयाम भी जोड़े गए है। चेतना मंच द्वारा अब तक 7 अंक प्रकाशित किए जा चुके हैं ।जो क्रमशः है- अंक 1-2 नवम्बर 2014 को, 1 नवम्बर 2015 को अंक 2, 27 नवम्बर 2016 को अंक 3, 5 नवम्बर 2017 को अंक 4, 4 नवम्बर 2018 को अंक 5, 10 नवंबर 2019 को अंक 6 एवं 06 दिसम्बर 2020 को अंक 7 के नीत -नवीन नये कलेवर के साथ प्रकाशन जारी हैं । वर्तमान में कूर्मि चेतना पंचांग राष्ट्रीय स्तर पर कूर्मि समाज के विभिन्न प्रांतों में सर्व ग्राह्य व लोकप्रिय है।
  •  सोशल मीडिया प्रबंधन- चेतना मंच द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर समाज विकास का कार्य भी किया जा रहा है। सोसल मीडिया में फेसबुक, वाट्सएप, ई-मेल पर एकाउंट खोला गया। नवीन तकनीक आधारित संचार व्यवस्था का उपयोग संगठन की बैठक, कार्यक्रमों की गतिविधियाँ आदि को डिजिटल माध्यमों से प्रसारित किया जा रहा है। इसमें संगठन का प्रभाव बढता है तथा मजबूती मिल रही है। कूर्मि समाज द्वारा डिजिटल सेक्रेटरियट का संचालन भी किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ कूर्मि-क्षत्रिय चेतना मंच डिजिटल सेक्रेटरियट संचालित करने वाले कूर्मि समाज का प्रथम संगठन है।
  •  पुरोहित प्रशिक्षण- अखिल भारतीय कूर्मि महासभा बंगलौर के अधिवेशन में यह प्रस्ताव पारित किया गया है कि विभिन्न कर्मकाण्डों को सम्पन्न कराने कूर्मि समाज के लोगों को ही पुरोहित प्रशिक्षण से प्रशिक्षित किया जाए इन्हीं को ध्यान में रखते हुए छ.ग. कूर्मि-क्षत्रिय चेतना मंच ने ‘‘वये राष्ट्रे जागृयाम् पुरोहिताः’’ का शंखनाद कर यह क्रांतिकारी कदम उठाया है। आज पूरे समाज में समस्त पूजा पाठ हवन संस्कार, मंदिर के पुजारी का ही एकाधिकार केवल इन तथाकथित ब्राम्हण जाति के पास ही आरक्षित है; भले ही उसमंे ज्ञान शिक्षा कुछ भी हो और हम लोग इनके गुलाम बने हुए हैं, हमारा आर्थिक शोषण कर वेे ऐशोआराम की जिंदगी जी रहे हैं और हम पर राज कर रहे हैं। इन्हीं रूढ़ीवादी परंपरा एवं दकियानूकसी सोच व विचाधारा को दूर करने तथा समाज के लोगों को मानसिक गुलामी से मुक्ति दिलाने तथा आर्थिक शोषण से बचाने के हेतु स्वजातियों को ही पुरोहित कर्म में प्रशिक्षित करने का फैसला छ.ग. कूर्मि-क्षत्रिय चेतना मंच द्वारा लिया है; ताकि समाज के ही लोग अपने बीच समाज में जाकर सभी प्रकार के पूजा पाठ, हवन, संस्कार, पर्व पूजन, गृह प्रवेश आदि कार्यक्रम सम्पन्न करा सके साथ ही प्राप्त धनराशि का समाज हित में ही उपयोग कर समाज को आगे बढ़ाने में भी अपनी भूमिका निभा सकें। छत्तीसगढ़ कूर्मि क्षत्रिय चेतना मंच द्वारा इस अभिनव क्रांतिकारी योजना‘‘कूर्मि पुरोहित प्रशिक्षण’’ कार्यक्रम अंतर्गत प्रथम बैच का प्रशिक्षण दिनांक 05 जून 2019 से 09 जून 2019 तक बिलासपुर में आयोजित की गई। इस प्रशिक्षण में समाज के नवरत्न नौ प्रतिभावान बुद्धिजीवियों ने पुरोहित कर्म का व्यवहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किए एवं चेतना मंच के विचार योजना को धरातल पर उतारने का बीड़ा उठाया है। प्रथम बैच के 09 पुरोहित है- ’कूर्मि डाॅ. सुश्री शारदा कश्यप, श्री पुरषोत्तम कश्यप, श्री हरप्रसाद सिंगरौल, श्री देवदत्त कश्यप, श्री लक्ष्मीनारायण कश्यप, श्री गिरीश मयाराम कश्यप, श्री केजाराम कौशिक, कूर्मि भरतलाल कश्यप, कूर्मि अनिल कश्यप।
   

छत्तीसगढ़ कूर्मि-क्षत्रिय चेतना मंच के प्रांतीय पदाधिकारियों का कार्यकाल-विवरणः-

क्रं. अवधि प्रदेशाध्यक्ष प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदेश महासचिव प्रदेश कोषाध्यक्ष
1 1993-2000 कूर्मि एल.पी.चन्द्राकर कूर्मि सर्वश्री सीताराम कश्यप, स्वतंत्र कुलमित्र कूर्मि सिद्धेश्वर पाटनवार कूर्मि के.एल.गहलोत
2 2001-2003 कूर्मि राधेश्याम रायसागर कूर्मि सर्वश्री डॉ. निर्मल नायक, श्रीमती उषा चन्द्राकर कूर्मि सिद्धेश्वर पाटनवार कूर्मि डॉ हेमन्त कौशिक
3 2003-2005 कूर्मि राधेश्याम रायसागर कूर्मि सर्वश्री डॉ. निर्मल नायक, श्रीमती उषा चन्द्राकर कूर्मि सिद्धेश्वर पाटनवार कूर्मि डॉ हेमन्त कौशिक
4 2005-2007 कूर्मि जगदीश कौशिक कूर्मि सर्वश्री सिद्धेश्वर पाटनवार, श्रीमती सविता गवेल कूर्मि बी.आर.कौशिक कूर्मि राजेन्द्र चन्द्राकर
5 2008-2011 कूर्मि सिद्धेश्वर पाटनवार कूर्मि सर्वश्री बी.आर.कौशिक, बिसुन कश्यप कूर्मि डॉ. निर्मल नायक कूर्मि एल.के .गहवई
6 2011-2014 कूर्मि डॉ. हेमन्त कौशिक कूर्मि सर्वश्री बी.आर.कौशिक , राजेन्द्र चन्द्राकर कूर्मि डॉ. निर्मल नायक कूर्मि जनक राम वर्मा
7 2014-2017 कूर्मि बी.आर.कौशिक कूर्मि सर्वश्री डॉ. निर्मल नायक, राजेन्द्र चन्द्राकर, श्रीमती नदंनी पाटनवार कूर्मि जीतेन्द्र सिंगरौल कूर्मि मोहन कश्यप
8 2017-वर्तमान कूर्मि डॉ. निर्मल नायक कूर्मि सर्वश्री रंजना वर्मा, डॉ. बी.पी. चंद्रा, प्रदीप कौशिक कूर्मि डॉ.जीतेन्द्र सिंगरौल कूर्मि सुखनंदन कौशिक
छत्तीसगढ़ कूर्मि-क्षत्रिय चेतना मंच की प्रमुख उपलब्धियाँः-
  • चेतना मंच के प्रथम महिला प्रकोष्ठ प्रदेशाध्यक्ष (2008-2011)  कूर्मि श्रीमती लताऋषि चन्द्राकर, वर्तमान में राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष, अ.भा.कू.क्ष.महासभा के लगातर चार कार्यकाल सफलता पूर्वक संपादित कर रही है । 
  • चेतना मंच के कर्मचारी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक (2005-2008) कूर्मि ललित बघेल, वर्तमान में राष्ट्रीय संगठन सचिव, अ.भा.कू.क्ष.महासभा के पद पर समाज एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं । 
     
  • चेतना मंच के युवा प्रकोष्ठ प्रदेशाध्यक्ष (2003 -20011)   कूर्मि डॉ. जीतेन्द्र सिंगरौल, वर्तमान में प्रदेश महासिचव छ.ग.कूर्मि-क्षत्रिय चेतना मंच, अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धि-भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में जापान भ्रमण (2011), चीन भ्रमण (2012), राष्ट्रीय उपलब्धियाँ-इंदिरागांधी राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार भारत शासन (2000-01), राष्ट्रीय युवा पुरस्कार(2007-08),राष्ट्रीय ग्रामीण प्रतिभाग खोज विजेता, म. प्र. शासन (1992-96)
  • चेतना मंच के युवा प्रकोष्ठ प्रदेशाध्यक्ष (2011-2014)   कूर्मि अमित बघेल, वर्तमान में छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के प्रमुख जिम्मेदारी निभाते हुए छत्तीसगढ़ के अस्मिता एवं स्वाभिमान की रक्षा कर रहे हैं ।
  • चेतना मंच के पूर्व जिला अध्यक्ष महासमुन्द(2008-2011)   कूर्मि श्रीमती तारा चन्द्राकर, वर्तमान में प्रदेश महासिचव छ.ग.कूर्मि-क्षत्रिय चेतना मंच, अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धि-भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में जापान भ्रमण (2011), चीन भ्रमण (2012), राष्ट्रीय उपलब्धियाँ-इंदिरागांधी राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार भारत शासन (2000-01), राष्ट्रीय युवा पुरस्कार(2007-08),राष्ट्रीय ग्रामीण प्रतिभाग खोज विजेता, म. प्र. शासन (1992-96)
  • चेतना मंच के प्रदेश सांस्कृतिक प्रकोष्ठ संयोजक (2005 -2008)   कूर्मि बलराम चन्द्राकर, वर्तमान में कवि के रूप में साहित्य साधना करते हुए कूर्मि समाज के विभिन्न भूमिका निभाते हुए समाज विकास कार्य कर रहे हैं ।